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पुनर्जन्म

जो रास्ता वीरान है , अगर वही अच्छा लगे तो उसी पर चल लो । मार्ग सही है या गलत यह कौन बताएगा । जो उस पर चले ही नहीं अगर उनसे पूछोगे तो तरह तरह की कमियाँ बता देंगे। इतना डरा दिए जाओगे कि वही पुराना वाला नरक ही सुरक्षित लगने लगेगा । वैसे भी जो देख लिया है ,उसमे एक तरह की सुरक्षा है , सांत्वना है , कि इससे ज्यादा या इस तरह का अन्धकार और कहीं नहीं मिल सकता। और सबसे अच्छी बात कि इस अन्धकार कि आदत पड़ गयी है। कुछ नया करने में ख़तरा है। तुमको रोकने वालों के अवचेतन मन में भी यह बात छुपी रहती है कि साथ में ही नरक भोग लो , कहीं ऐसा न हो अकेले निकल जाओ और स्वर्ग पा लो । एक बार निकल लिए , फिर पीछे मुड़ के मत देखना। एक बार निकल लिए तो सब नया होगा। सुख भी दुःख भी। लेकिन तुम यह मत सोचना कि कुछ नया हो जाएगा। घटनाएं यही सब पुरानी दुनिया वाली होंगी लेकिन तुमको कुछ नहीं होगा । और वापस मत आना। उसमें खतरा है। फिर से पुराने ढर्रे पर नहीं चल पाओगे । एक बार शरीर छोड़ दिया तो फिर नहीं पा पाओगे। मिलना इस नयी दुनिया में भी कुछ नहीं है जैसे पुरानी में भी कुछ नहीं था। लेकिन तुम चले इसलिए जीवित हो। तुम्हारी यात्रा ही तुम्हारा पुनर्जन्म है।

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